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गोड्डा के बक्सरा में सत्संग का आयोजन

महिला अनुयायियों की रही भीड़

सत्संग परमात्मा का निज अंग :: भगीरथ बाबा फाेटो ::
– बक्सरा गांव में दो दिवसीय जिला संतमत का 76 वां वाषिक अधिवेशन का आयोजन
गोड्डा

कार्यक्रम में मंचासिन प्रवचनकर्ता एवं सत्संग में शामिल भीड़

: महर्षि मेंहीं सत्संग आश्रम, कुप्पाघाट भागलपुर के गुरुसेवी संत भागीरथ जी महाराज ने कहा कि मोक्ष के द्वार पर चार द्वारपाल रहे हैं। वे हैं शम, विचार, संतोष और साधु-संग। जो अपना कल्याण चाहते हैं उन्हें संतोष धारण भी करना चाहिए। सत्संग करने वाले को सार ज्ञान की प्राप्ति होती है। सत्संग परमात्मा का निज अंग है। हमें बाहरी और भीतरी दोनों सत्संग करने की जरुरत है। हमें जुआ नहीं खेलना चाहिए । मांस, मछली नहीं खानी चाहिए और शराब भी नहीं पीना चाहिए।
संत गुरुसेवी भगीरथ जी महाराज बुधवार को पोड़ैयाहाट प्रखंड के बक्सरा गांव में आयोजित संतमत सत्संग के 76 वें वाषिक जिला अधिवेशन के पहले दिन बुधवार को प्रवचन के दौरान बोल रहे थे। मौके पर स्वामी गुरचरण सेवी प्रमोद जी महाराज ने कहा कि सत्य जोड़ संग को सत्संग कहा जाता है। सत्संग की महिमा अपार है। कहा कि दरिद्र वह नहीं है जिसे धन नहीं है। बल्कि दरिद्र वह है जसे ज्ञान नहीं है। जो सत्संग नहीं करता है। इसके अलावा संतमत के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी सत्यप्रकाश, नरेशानंद, परमानंद बाबा सहित अन्य साधु-महात्माओं ने भी विचार व्यक्त किए।
इसके पूर्व स्थानीय छात्राओं ने स्वागत गान गाकर आगन्तुकों का स्वागत किया। स्वागत समिति के अध्यक्ष सह पूर्व मुखिया हेमंत कुमार ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। स्थानीय विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि संतों के विचारों से हमारे समाज का सुधार होता है। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने कहा कि साधु संतों के समागम से यह धरा भी धन्य हो गई है। इस क्षेत्र के लोग भाग्यवान हैं जिन्हें संतों के वचनों को सुनने का सौभाग्य मिला है। कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश मंडल ने किया। सत्संग के दौरान सत्संग सरोवर नामक स्मारिका का लोकार्पण किया गया।

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